पीरियड्स के दौरान दर्द, सूजन और तनाव को कम करने के लिए अपनाएं ये आसान योग अभ्यास
योग और मासिक धर्म स्वास्थ्य
महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान अक्सर पेट दर्द, कमर में जकड़न, सूजन और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन लक्षणों से न केवल शारीरिक तकलीफ होती है, बल्कि मानसिक रूप से भी थकावट महसूस होती है। योग न सिर्फ इन समस्याओं को कम करने में मदद करता है, बल्कि शरीर और मन दोनों को शांत रखता है।
1. बालासन (Child’s Pose)
इस आसन से पीठ और पेट के निचले हिस्से में खिंचाव आता है जिससे मांसपेशियों में आराम मिलता है। यह आसन मन को भी शांत करता है।
2. मार्जर–वत्सासन (Cat-Cow Pose)
इसमें शरीर को आगे-पीछे झुकाया जाता है। इससे रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है और रक्त संचार बेहतर होता है।
3. उत्तानासन (Forward Fold)
इस आसन में सीधे खड़े होकर आगे की ओर झुकते हैं। इससे कमर और पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आता है और दर्द से राहत मिलती है।
4. भुजंगासन (Cobra Pose)
पेट के बल लेटकर सीने को ऊपर उठाते हैं। यह आसन पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है और मासिक धर्म से जुड़ा पीठ दर्द कम करता है।
5. पश्चिमोत्तानासन (Seated Forward Bend)
पैर सीधे करके बैठें और आगे की ओर झुकें। यह पाचन सुधारता है और सूजन में राहत देता है।
6. सुप्त बद्ध कोणासन (Reclining Bound Angle Pose)
इसमें पीठ के बल लेटकर पैरों के तलवे आपस में मिलाए जाते हैं। यह आसन कूल्हों को खोलता है और पूरे शरीर को आराम देता है।
7. विपरीत करनी (Legs Up the Wall Pose)
पीठ के बल लेटकर दोनों पैरों को दीवार के सहारे ऊपर उठाएं। यह आसान रक्त संचार को बेहतर बनाता है और मासिक धर्म के दर्द में राहत देता है।
8. सुप्त मत्स्येन्द्रासन (Supine Spinal Twist)
इसमें पीठ के बल लेटकर एक पैर को मोड़कर दूसरी ओर ले जाते हैं। इससे कमर और पाचन तंत्र को फायदा होता है।
9. प्राणायाम (Breathing Exercises)
गहरी और धीमी सांस लेने से तंत्रिका तंत्र को शांति मिलती है। यह तनाव और चिड़चिड़ापन कम करता है।
10. ध्यान (Meditation)
ध्यान लगाने से मन शांत होता है और तनाव में राहत मिलती है। यह पीरियड्स के दौरान मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
निष्कर्ष
मासिक धर्म के समय में नियमित योग अभ्यास महिलाओं को शारीरिक और मानसिक राहत दे सकता है। ये आसन दर्द, सूजन और थकान को कम करने में मदद करते हैं। गहरी सांसें और ध्यान जैसे अभ्यास मानसिक तनाव को भी कम करते हैं। हर महिला को अपने शरीर की सुनते हुए इन योगासनों को आराम से करना चाहिए और जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।
महत्वपूर्ण नोट:
हमेशा महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संबंधी बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर या स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श करें। वे आपकी मेडिकल हिस्ट्री और वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं।
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